शनिवार, 30 दिसंबर 2017

बाढ़ व क्षरण से अब नहीं सिकुड़ेगा माजुली द्वीप



केंद्रीय मंत्री गडकरी ने रखी सुरक्षा कार्यो की आधारशिला
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
पूर्वोत्तर में बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए चलाई जा रही योजनाओं के तहत असम के माजुली द्वीप को बाढ़ और क्षरण से बचाने वाली परियोजना शुरू की गई है, जिसके लागू होने से माजुली द्वीप को सिकुडने बचाया जा सकेगा। 
केद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण, मंत्री नितिन गडकरी ने माजुली द्वीप की बाढ़ और क्षरण से बचाव के लिए प्रारंभ की गई विभिन्न परियोजनाओं के तहत ऐसी योजना की आधारशिला रखी है, जिसके लागू करने से माजुली द्वीप का सिकुड़ना बंद हो जाएगा। गडकरी ने उम्मीद जताई है कि इस सुरक्षा संबन्धी तकनीकी योजनाओं से ऐसी संभावना है कि जो जमीन पानी के अंदर जा चुकी है, वह भी अपने पूर्व स्वरूप धारण कर लें। इस परियोजना में एक उचित भूमि प्रबंधन प्रणाली के तहत माजुली की मुख्य भू‍मि से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के अनुरूप कार्य प्रारंभ हो जाएंगे और दो कार्य मौसमों में के आधार पर शुरू होंगे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के चार घटक हैं, जिसके तहत माजुली के 27 किलोमीटर लम्‍बे तट पर तटबंधों और अवरोधों का निर्माण, 41 स्‍थलों पर आरसीसी स्‍क्रीन बिछाना, एक पायलट चैनल का निर्माण और बिरिनाबारी में नहर का निर्माण करना शामिल है।
निर्माण के बावजूद हुआ  नुकसान
मंत्रालय के अनुसर जल संसाधन मंत्रालय द्वारा गठित की गई विशेषज्ञों की एक समिति की सिफारिशों के आधार पर ब्रहमपुत्र बोर्ड ने बाढ़ और क्षरण से द्वीप को बचाने के लिए जनवरी गत 2004 से विभिन्न चरणों में सुरक्षा कार्य प्रारंभ किया था, जिनमें नदी किनारों पर तटबंध का निर्माण और सुदृढ़ीकरण, आरसीसी स्‍क्रीन को बिछाना, अवरोधों का निर्माण शामिल हैं। लेकिन इसके बावजूद वर्ष 2007 के मानसून में आई अप्रत्‍याशित बाढ़ की वजह से निचले माजुली में भूमि का अत्‍यधिक क्षरण हुआ है। ब्रह्मपुत्र बोर्ड द्वारा किये गये निर्माण कार्यों के बावजूद प्रभावित क्षेत्रों में क्षरण को रोका नहीं जा सका।  
तीन साल में हुआ 189 करोड़ का काम
मंत्रालय के अनुसार बाद ब्रह्मपुत्र बोर्ड ने वर्ष 2014 के बाद तीन साल यानि वर्ष 2017 तक कुल 189.07 करोड़ रुपये की धनराशि की लागत वाली विभिन्न योजनाओं को शुरू किया। इसके तहत पत्‍थरों से बनने वाले चार अवरोधों का निर्माण पूरा किया है, जिसमें सलमारा में भी अवरोध निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। जबकि तटबंधों तथा आरसीसी अवरोधों का निर्माण और पांच ऊंचे प्‍लेटफार्मों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और इसे जिला प्रशासन को सौंपा जा चुका है। गडकरी ने कहा कि ब्रह्मपुत्र बोर्ड के कार्यों से क्षरण प्रक्रिया रूक गई, लेकिन गाद जमा होने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई। सेटलाइट दृश्य के आधार पर माजुली द्वीप की भूमि का क्षेत्रफल 2004 में 502.21 वर्ग किलोमीटर था, जो नवंबर में 2016 में 524.29 वर्ग किलोमीटर हो गया। ब्रह्मपुत्र बोर्ड, जल संसाधन मंत्रलाय द्वारा गठित त‍कनीकी सलाहकार समिति की अनुशंसाओं के आधार पर कार्य करता है।

संसद में गूंजा मुंबई के कमला मिल्स की आग का मामला!

जांच की मांग के साथ सांसदों ने उठाए विभिन्न मुद्दे   
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद में मुंबई के कमला मिल्स कम्पाउंड के रेस्टोरेंट में लगी आग लगने से हुए दर्दनाक हादसे की गूंज संसद के दोनों सदनों में भी सुनाई दी। संसद के दोनों सदनों में सदस्यों ने कई अन्य मुद्दे भी उठाए।
लोकसभा में उत्तरी मुंबई से भाजपा सांसद के सांसद किरीट सोमैया ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया, जिन्होंने इस आरोप के साथ दावा किया कि यह कॉम्प्लैक्स सभी नियम कायदों का उल्लंघन कर बनाया गया है। सौमैया ने कहा कि इस साल मुंबई में इस तरह के कई हादसे हुए हैं। किरीट सौमैय्या ने ऐसे मीलों को की गहन ऑडिट कराए जाने की मांग की है। सदन में दक्षिणी मुंबई से सांसद अरविंद सावंत ने भी इस मुद्दे को गर्मजोशी के साथ उठाते हुए पूरी घटना की गहन जांच की मांग की। दूसरी ओर राज्यसभा में कांग्रेस सांसद रजनी पटेल ने कमला मिल्स कम्पाउंड आग के मुद्दे को उठाया। जो सरकार से यह जानना चाहती थी कि क्या पब, रेस्टोरेंट को लाइसेंस देन से पहले मुंबई कॉर्पोरेशन की तरफ से सुरक्षा की जांच की भी जाती है या नहीं‍? सदन में अन्य सदस्यों के इस मुद्दे से अपने आपको संबद्ध करते हुए इस अग्निकांड की जांच कराने की मांग की है।
पाक में बंद मछुआरों का मुद्दा
राज्यसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान गुजरात में तटवर्ती ओखा क्षेत्र से पाकिस्तान के समुद्री सीमा में भूलवश प्रवेश करने वाले लगभग 500 भारतीय मछुआरों का मुद्दा उठाते हुए सपा सदस्य सदस्य विशम्भर प्रसाद निषाद ने मांग की है कि इन मछुआरों को पाकिस्तान की कैद से रिहा कराने के लिए कार्यवाही की जाए। निषाद ने सदन को जानकारी दी कि पाकिस्तानी नौसैनिकों द्वारा हाल ही में पकड़े गये इन मछुआरों में बुंदेलखंड के बांदा क्षेत्र के 21 मछुआरे भी शामिल हैं, जो रोजगार की तलाश में गुजरात के द्वारका गये थे। उन्होंने बुंदेलखंड क्षेत्र में सूखे की स्थिति के मद्देनजर सभापति से पाकिस्तान की कराची जेल में बंद इन गरीब मछुआरों की रिहायी के लिये सरकार से गंभीर और त्वरित प्रयास करने का निर्देश देने की मांग उठाई। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कुछ सदस्यों ने निजी एयरलाइन कर्मियों द्वारा यात्रियों के साथ बदसलूकी करने, धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इजाफा करने, साइबर अपराध रोकने के लिये सख्त कानून बनाने और सोलर लाइट की खरीद पर सांसदों को मिलने वाली छूट में भेदभाव के मुद्दे उठाये।
उधर लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस केके सुरेश ने केरल में कर्ज का भुगतान नहीं कर पाने वाले छात्रों की परेशानी का मुद्दा उठाया, तो राकांपा के धनंजय महडिक ने दुग्ध पाउडर तैयार करने वालों को प्रति लीटर सात रुपए की सब्सिडी देने की मांग की। जबकि शिवसेना के हेमंत तुकाराम गोडसे ने नासिक में रेल सुविधाओं का मुद्दा उठाया और मांग की। इसके अलावा लोकसभा में अन्नाद्रमुक के के. अशोक कुमार ने कहा कि सरकार को उन उद्योगों की मदद करनी चाहिए जो जीएसटी लागू होने के बाद बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं।

शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

पाक में हुई जाधव की मां व पत्नी से ज्यादती



सुषमा स्वराज ने संसद को दी पूरी जानकारी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
पाकिस्तान की जेल में जासूसी के झूठे आरोप में बंद कुलभूषण जाधव से मिलने गई उसकी मां और पत्नी से किये गये दुर्व्यवहार और ज्यादतियों को लेकर देश में पनपे गुस्से को लेकर संसद भी गरमाई, तो इस मामले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को दोनों सदनों में बयान देते हुए पाकिस्तान की हरकतों की पूरी जानकारी दी।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को इस मामले पर दोनों सदनों में सदस्यों को जानकारी देते हुए बताया कि गत 25 दिसंबर को पाकिस्तान में बंदी भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से मिलने गई उनकी मां और पत्नी से पाक में बुरा बर्ताव किया गया, जिसको लेकर भारत ने पाकिस्तान के सामने कड़ी आपत्ति भी जताई है। लोकसभा के बाद  राज्यसभा में बोलते हुए सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान अधिकारियों ने सुहागिन महिलाओं को अपने बेटे और पति के सामने विधवाओं के तौर पर जाने के लिए ही मजबूर नहीं किया, बल्कि कि सुरक्षा के नाम पर महिलाओं के सुहाग के प्रतीक मंगलसूत्र, बिंदी और सिंदूर आदि तक उतरवाए गये। यही नहीं साड़ी पहनने वाली उनकी मां को सलवार-सूट पहनने के लिए दिया गया यानि उनकी मां और पत्नी दोनों के कपड़े बदलवा दिए गए। इतना ही नहीं जाधव से मुलाकात से पहले उनकी पत्नी के जूते उतरवाकर चप्पल दी गई और मांगने के बावजूद जूते वापस भी नहीं दिए गए। उन्होंने सदन को बताया कि पाकिस्तान की ओर से इस बात का आश्वासन दिया गया था, कि मीडिया को कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां से मिलने नहीं दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मीडियाकर्मी न केवल उनके नजदीक तक पहुंच गए, बल्कि उन दोनों को अपशब्द कहते हुए मीडिया ने मां और पत्नी के सामने कुलभूषण को भी बुरा-भला तक कहा। सुषमा ने कुलभूषण की मां और पत्नी की ओर से दी गई जानकारी के हवाले से बताया कि कुलभूषण बेहद दबाव में नजर आ रहे थे। वह पूरी तरह स्वस्थ नहीं थे और ऐसा साफ लग रहा था कि वह पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा बताई गई लाइनें दोहरा रहे थे।
मां से दोबारा से हुई सुषमा की बात
संसद में आने से पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार सुबह ही तथ्यों के विस्तार से जानकारी लेने के लिए कुलभूषण की मां से बातचीत की और उनकी मां की दर्दभरी जानकारी के आधार पर पाकिस्तानी अधिकारियों द्वसारा की गई ज्यादतियों से सदन को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी अफसरों ने आदेशों का पालन करने के नाम पर कुलभूषण को यह जताने का प्रयास किया कि उनकी मां जब अपने बेटे से मिले तो वह विधवा जैसी नजर आए। इसी संदेह में कुलभूषण ने पिता का हालचाल पूछते हुए कहा कि बाबा कैसे हैं?’ सुषमा ने पाकिस्तान के इस कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि इससे ज्यादा बेअदबी कुछ नहीं हो सकती। सुषमा ने कहा कि कुलभूषण की मां अपने बेटे से मराठी में बातचीत करना चाहती थीं, लेकिन पाक अधिकारियों ने उन्हें बार-बार बातचीत करने से रोका और एक बार तो उस इंटरकॉम को ही बंद कर दिया, जिसके जरिए शीशे के दीवार के पीछे बैठी मां अपने बेटे से बात कर रही थीं। विदेश मंत्री बताया कि कुलभूषण की मां और पत्नी के साथ गए भारतीय डिप्टी कमिश्नर को बिना जानकारी दिए पिछले दरवाजे से दोनों को मिलवाने ले जाया गया।
पाक की हरकतों की निंदा
संसद के दोनों सदनों में सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान इससे ज्यादा शर्मनाक और कुछ नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में हमने राजनयिक स्तर पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि हमने कल ही पाकिस्तान को इस बारे में नोट भेजा है। सुषमा स्वराज के साथ समूचे सदन ने भारतीय महिलाओं के साथ की गई ज्यादतियों की कड़ी निंदा की गई। राज्यसभा में जाधव मुद्दे पर पाक की ऐसी हरकत पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में बोलते हुए इसे देश की हर मां और बहन का अपमान करार दिया। स्वयं सभापति एम. वेंकैया नायडू सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने पाकिस्तान की निंदा की।

संसद में सरकार की सफाई के बाद टूटा गतिरोध!

पीएम मोदी के मनमोहन की टिप्पणी का मामला
नए मुद्दों पर हंगामे के बावजूद हुा सदन में कामकाज 
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र में शुरूआती दिन से ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित बयान को लेकर चल रहा गतिरोध बुधवार को टूट गया है। सरकार की ओर से इस मुद्दे पर आए बयान के बाद हालांकि दोनों सदनों में अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों ने हंगामा किया, लेकिन संसद की कार्यवाही पटरी पर आ गई और कामकाज भी शुरू हो गया।
संसद में चार दिन के अवकाश के बाद शुरू हुई बैठक के तहत राज्यसभा में बुधवार को भी प्रतिपक्ष नेता गुलामनबी आजाद ने मनमोहन के प्रति टिप्पणी पर पीएम मोदी की माफी मांगने का मुद्दा उठाया, इस पर सदन के नेता एवं केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की देश के लिए प्रतिबद्धता को लेकर कोई सवाल नहीं उठा सकता है। इस बयान से संतुष्ट नजर आए नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह सदन के नेता के बयान पर आभार व्यक्त करते हैं। आजाद ने भी सदन में कहा कि चुनाव के दौरान यदि किसी ने प्रधानमंत्री की गरिमा गिराने जैसा कोई बयान उनकी पार्टी उस बयान से खुद को संबद्ध नहीं करती है। और नहीं कांग्रेस को प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई भी बयान स्वीकार है। जेटली और आजाद के बयानों के बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलती नजर आई। गौरतलब है कि इस सत्र के दौरान इससे पहले इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस का दोनों सदनों में हंगामा होता रहा और कार्यवाही बाधित होती रही है।
हेगड़े के बयान पर हंगामा
संसद के दोनों सदनों में बुधवार को केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगडे के सेक्युलरिज्म संबन्धी बयान को लेकर भी विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। लोकसभा में लगातार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को दो बार के स्थगन के बाद दोपहर सवा दो बजे आधे घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा दिया गया। लोकसभा कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ने संविधान को बदलने की बात कही है और साथ ही कहा है कि भाजपा संविधान बदलने के लिए ही सत्ता में आयी है। हालांकि संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने इस मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि भाजपा और एनडीए की संविधान में अटूट श्रद्धा है और वह संविधान के सामने नतमस्तक है। राज्यसभा में हेगडे के बयान पर केंद्रीय  संसदीय कार्य मंत्री विजय गोयल ने दोहराया कि हम संविधान के प्रति प्रतिबद्ध हैं, सरकार हेगड़े के विचारों का समर्थन नहीं करती।
जाधव के मुद्दे पर दोनों सदन गरमाए
संसद की बुधवार को कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा हुआ। लोकसभा में पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच ही शिवसेना के साथ कुछ भाजपा सदस्यों ने भी कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ पाकिस्तान में दुर्व्यवहार की खबरों की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिये। सदन में इतना हंगा बढ़ गया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भरोसा देना पड़ा कि वह कल यानी गुरुवार को सदन में अपना बयान देंगी। हंगामे के कारण सदन की बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उधर राज्यसभा में भी पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसाद नरेश अग्रवाल के विवादित बयान बयान पर हंगामा शुरू हो गया। अग्रवाल ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार जाधव को एक आतंकवादी मानती है इसलिए उसके साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार कर रही है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने नरेश अग्रवाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि संसदीय कार्यमंत्री को सदन में अग्रवाल के खिलाफ प्रस्ताव लाना चाहिए और एक कमेटी बनाकर उनकी सदस्यता की समीक्षा करना चाहिए। हालांकि नरेश अग्रवाल ने बाद में इस पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
आज पेश होगा तीन तलाक पर विधेयक
केंद्र सरकार लोकसभा में कल गुरुवार को तीन तलाक के चलन को समाप्त करने के प्रस्ताव वाला ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ को पेश करेगी। इस विधेयक का विपक्ष द्वारा किये जा रहे विरोध के मद्देनजर भाजपा ने अपने सभी सांसदों को कल और शुक्रवार को लोकसभा में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया गया है। गौरतलब है कि इस विधेयक को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले अंतर मंत्रीस्तरीय समूह ने तैयार किया है जिसमें मौखिक, लिखित या एसएमएस या व्हाट्सएप के जरिये किसी भी रूप में तीन तलाक या तलाक ए बिद्दत को अवैध करार देने तथा पति को तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
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दिल्ली में नहीं हो सकेगा अनाधिकृत निर्माण
लोकसभा में पारित हुआ विधेयक में दूसरा संशोधन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किया गया दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा संशोधन विधेयक पारित हो गया है। इस विधेयक में अतिक्रमण एवं अनधिकृत निर्माण के संबंध में दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षा को 31 दिसंबर 2020 तक जारी रखने का प्रस्ताव किया गया है। 

बुधवार, 27 दिसंबर 2017

आखिर संसद में आज टूटा गतिरोध!

केंद्र सरकार पर बढ़ा कामकाज का बोझ हटा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र में पीएम से माफी के मुद्दे की भेंट चढ़ती आ रही दोनों सदनों की कार्यवाही के कारण सरकार पर कामकाज का बोझ बढ़ने है। हालांकि सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर बने गतिरोध के कल बुधवार को समाप्त होने के आसार है, लेकिन कांग्रेस समते विपक्षी दलों के तेवर मोदी सरकार के प्रति आक्रमक नजर आ रहे हैं।
केंद्र की मोदी सरकार गत 15 दिसंबर से आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र में अभी तक अपेक्षा के अनुरूप महत्वपूर्ण विधेयकों और सरकारी कामकाज पर आगे नहीं बढ़ सकी है। पिछले सप्ताह एक दिन ही ऐसा रहा जब दोनों सदनों में कामकाज हुआ और दोनों सदनों में विधेयक भी पारित किये गये। पिछले सप्ताह सोमवार के इस दिन को छोड़कर अभी तक विपक्ष खासकर कांग्रेस के सरकार के प्रति आक्रमक तेवरों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस लगातार संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से माफी मांगने की मांग करते हुए हंगामा करती आ रही है। लोकसभा में तो इस शोर शराबे के बीच सरकार विधेयक पेश करती आ रही है, लेकिन राज्यसभा में कांग्रेस के हंगामे के सामने अभी तक कोई खास कामकाज सिरे नहीं चढ़ पाया है। यहां तक कि पिछले सप्ताह मंगलवार को एक सांसद के रूप में पहली बार अल्पकालिक चर्चा में विश्वप्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को भी कांग्रेस ने बोलने से वंचित कर दिया था। सरकार और विपक्ष के राज्यसभा में बढ़ते गतिरोध को खत्म करने के लिए सभापति वेंकैया नायडू ने एक समिति बनाई थी, जिसकी विपक्षी दलों के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है और सूत्रों के अनुसार यह बातचीत आपसी सहमति के नजदीक है, जिसके कारण संभावना है कि कल बुधवार से शुरू होने वाली संसद की कार्यवाही बिना किसी गतिरोध के चल सकती है। हालांकि कांग्रेस के एक नेता की माने तो जब तक पीएम मोदी पूर्ववर्ती पीएम मनमोहन के प्रति की गई टिप्पणी को वापस या खेद नहीं जताते उनकी पार्टी का संसद में विरोध जारी रहेगा। यदि ऐसी स्थिति बनी रही तो केंद्र सरकार पर संसद में कामकाज का बोझ बढ़ना तय है।
तीन तलाक पर विधेयक चुनौती
ससंद में कल से आरंभ होने वाली कार्यवाही के एजेंडे में सरकार को तीन तलाक पर कानून बनाने वाला विधेयक भी पेश करना है, जिसके विरोध में विपक्षी दलों में खेमाबंदी भी नजर आ रही है। कुछ दल विधेयक में तीन तलाक के दोषियों की सजा के प्रावधान पर बदलाव की मांग भी कर रहे हैँ। समाजवादी पार्टी इस विधेयक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत सभी पक्षों से बातचीत करने पर बल दे रही है। जबकि कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर गैरकानूनी करार दिये गये तीन तलाक में ऐसे नए कानूनी प्रावधान करने का विरोध कर रही है। ऐसे में तीन तलाक पर इस विधेयक को पारित कराना केंद्र सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार एफआरडीआई बिल पर ज्वॉइंट कमेटी की रिपोर्ट के बावजूद चौतरफा हो रहे विरोध को देखते हुए सरकार इसे इस सत्र में ठंडे बस्ते में डाल सकती है।

नमामि गंगे मिशन में शामिल हुई चार सहायक नदियां



गंगा के साथ होगी गोमती, काली, हिंडन व राम गंगा की सफाई
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे मिशन’ के तहत गंगा स्वच्छता अभियान में अब गंगा के साथ यूपी की चार सहायक नदियों गोमती, काली, हिंडन व राम गंगा नदियों की सफाई के लिए भी परियोजनाएं शुरू की जाएगी।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार जिन सहायक नदियों को इस अभियान में शामिल किया गया है उन्हें साफ किये बिना गंगा नदी स्वच्छता अभियान को अंजाम देना मुश्किल था। इस सबंन्ध में मंत्रालय में सचिव और राष्ट्रीय गंगा स्वच्छ मिशन के निदेशक यूपी ने जानकारी दी कि नमामि गंगे मिशन के तहत चलाई जा रही परियोजनाओं में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए कराए गये एक अध्ययन में इस पहलुओं को शुरू करने की आवश्यकता महसूस की गई, जिसके बाद गंगा नदी के जल की धारा को अविरल बनाने की दिशा में यूपी की गोमती, काली, हिंडन व राम गंगा नामक सहायक नदियों को अभियान के दायरे में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि गंगा स्वच्छ अभियान के तहत पहले चरण में इन चारों सहायक नदियों के तटों पर जलमल शोधन संयंत्र (एसटीपी) स्थापित किये जाएंगे। इसके लिए मंत्रालय में कैबिनेट नोट तैयार है जिसकी केंद्र सरकार से जल्द मंजूरी ली जाएगी, ताकि नमामि गंगे अभियान में तेजी लायी जा सके। जबकि गंगा नदी में जलमल शोधन संयंत्र लगाने को मंजूरी पहले ही दी जा चुकी हैं। मंत्रालय के अनुसार नमामि गंगे अभियान के दूसरे चरण में अन्य सहायक नदियों को इस मिशन का हिस्सा बनाया जाएगा।
औद्योगिक प्रदूषण बड़ी अडचन
मंत्रालय के सचिव का मानना है कि गंगा नदी की सहायक नदियों में औद्योगिक प्रदूषण एवं इनके तट पर स्थित शहरों से निकलने वाले कचरे से बढ़ते प्रदूषण स्वच्छता अभियान में सबसे बड़ी बाधा है। एक अध्ययन के बाद इस अभियान में शामिल करने के लिए काली और राम गंगा नदी के अलावा हिंडन व गोमती नदी को पहले चरण के लिए चिन्हित किया गया है। अध्ययन में नदियों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ने के तथ्य सामने आए हैं, जिनमें शहरी कचर के अलावा नदियों के किनारे चीनी मिलों और अन्य कैमिकल उद्योगों का जहरीला जल इन नदियों में आकर गिरता है। हालांकि नमामि गंगे मिशन की शुरूआत में ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 1109 ऐसे उद्योगों को चिन्हित किया था जो सर्वाधिक प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं, इनमें सर्वाधिक 400 की संख्या से भी ज्यादा कानपुर में हैं जहां चमड़ा उद्योग इस अभियान में सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा गया है।  आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि पिछले तीन साल में गंगा को साफ करने की 184 परियोजनाओं में से केवल 46 ही पूरी हो सकी है। लेकिन सरकार का कहना है कि इन परियोजनाओं पर कार्य जारी है और सरकार की प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आई है। कई चीजें साथ साथ चल रही हैं।निविदा प्रक्रिया पूरा करना जरूरी है। इससे तकनीकी एवं वित्तीय पहलु जुड़े होते हैं। अनेक परियोजनाओं के संबंध में निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

मंगलवार, 26 दिसंबर 2017

आईएमटी राजमार्ग का वियतनाम तक होगा विस्तार!

भारत पड़ोसी देशों से व्यापार बढ़ाने की तैयारी में सरकार
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की पडोसी देशों के अलावा आसियान देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की दिशा में संपर्क राजमार्ग बनाने की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सड़क राजमार्ग के रूप में कॉरिडोर बनाने की परियोजनाएं चला रही है। इसी दिशा में सरकार अब भारत-म्यांमार-थाईलैंड यानि आईएमटी त्रिपक्षी संपर्क राजमार्ग की परियोजना को वियतनाम तक विस्तार देने की योजना बना रही है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार भारत-म्यांमार और थाईलैंड (आईएमटी) संपर्क राजमार्ग के लिए पहले ही त्रिपक्षीय समझौता किया जा चुका है। जबकि इसी प्रकार सरकार ने भारत-नेपाल-भूटान व बांग्लादेश के बीच व्यापार के प्रोत्साहन देने की दिशा में राजमार्ग के रूप में कॉरिडोर की योजना को आगे बढ़ा रही है। इसमें पिछले साल भारत और बांग्लादेश के बीच मालवाहक ट्रक का आवागमन हो भी चुका है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी संयुक्त सचिव दक्षिता दास ने हरिभूमि को बताया कि भारत अपने हाइवे कॉरिडोर्स को अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पॉइंट्स से जोड़ने के अलावा कई ऐसी सड़क परियोजनाएं भी पूरी करेगा, जिनका मकसद भारत की दक्षिण एशियाई और आसियान देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय संपर्क बेहतर हो सकेगा। भारत-म्यांमार-थाईलैंड (आईएमटी त्रिपक्षीय संपर्क) राजमार्ग का वियतनाम तक विस्तार करने की योजना को भी इसी दायरे में शामिल किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार भारत-म्यांमार-थाईलैंड तक 1360 किलोमीटर के आईएमटी राजमार्ग का  वियतनाम तक विस्तार करने के लिए भारत की आसियान देशों के साथ इस परियोजना पर कई दौर की बातचीत हो भी चुकी है और इस पर सहमति बनते ही करार कर लिया जाएगा।
जल्द बन सकती है सहमति
मंत्रालय के अनुसार भारत सरकार की इस परियोजना के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार हाल ही में सीआईआई द्वारा आयोजित आसियन-भारत संपर्क शिखर सम्मेलन में भी इस राजमार्ग के विस्तार की योजना पर भारत की आसियान देशों के साथ चर्चा हुई है। ऐसी परियोजना से भारत का पडोसी देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। ऐसी संपर्क सुविधाओं से सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी में इजाफे की ज्यादा संभावनाएं होंगी। गौरतलब है कि दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संघ आसियान में 10 सदस्य देश इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई दारुस्सलाम, वियतनाम, लाओ पीडीआर, म्यांमार और कंबोडिया शामिल हैं।
परियोजना पर आएगी 25 हजार करोड़ की लागत
उधर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि पड़ोसियों के साथ व्यापार को बेहतर बनाने की दिशा में भारत माला परियोजना के हिस्से के रूप में दो हजार किमी लंबे हाइवे बनाने का खाका तैयार किया जा चुका है, जो नेपाल और बांग्लादेश की सीमा तक पहुंच बनाएंगे। इस परियोजना पर भारत 25 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस परियोजना के तहत बनने वाले कॉरिडोर के जरिए भारत को नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार के साथ व्यापार को सुगम बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना 5.35 करोड़ रुपये लागत वाली 'भारतमाला परियोजना' के तहत पूरी की जाएगी, जिसमें भारत बड़े हाइवे कॉरिडोर्स को अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पॉइंट्स से जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। गडकरी ने कहा कि भारतमाला की कुल लागत, 5.35 करोड़ रुपये में से 2.37 करोड़ रुपये केंद्रीय रोड फंड से, 2.05 लाख करोड़ रुपये बाजार से उधार लेकर, 34 हजार करोड़ रुपये हाइवे प्रॉजेक्ट्स के मुद्रीकरण से और 60 हजार करोड़ रुपये बजट आवंटन से आएंगे।
25Dec-2017
 


सुशील कुमार बने सबसे महंगे पहलवान

प्रो रेसलिंग लीग का हिस्सा बने 20 अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता
बीस अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेताओं हरियाणवी लाड़ियों पर लगे ज्यादा दांव
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
दोहरे ओलिम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार के नाम प्रो रेसलिंग लीग का अब तक का सबसे महंगा खिलाड़ी होने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया। उन्हें दिल्ली सुल्तांस ने 55 लाख रुपये की राशि में अपनी टीम में शामिल किया। वहीं विदेशी खिलाड़ियों में वर्ल्ड चैम्पियन जॉर्जिया के पेट्रोशिविली गेनो को पंजाब रॉयल्स ने 50 लाख रुपये में शामिल किया।
भारतीय खिलाड़ियों में दूसरी सबसे बड़ी बोली विनेश फोगट पर लगी, जिसे यूपी दंगल ने 40 लाख रुपये में खरीदा, जबकि हरियाणा की साक्षी मलिक (मुम्बई महारथी-39 लाख), गीता फोगट (यूपी दंगल-28 लाख), बजरंग पूनिया (25 लाख, यूपी दंगल) की बोली रही। विदेशी खिलाड़ियों में दूसरी सबसे बड़ी बोली पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन ईरान के हसन रहीमी (हरियाणा हैमर्स-46 लाख) के साथ ही हरियाणा हैमर्स ने ओलिम्पिक व वर्ल्ड चैम्पियन अमेरिका की हेलन मारोलिस को 44 लाख रुपये की बोली के साथ अपनी टीम में शामिल किया। ओलिम्पिक चैम्पियन रूस के सोसलान रामोनोव को 38 लाख रुपये में मुम्बई महारथी ने अपनी टीम में शामिल किया।
अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों का वर्चस्व
पहलवानों की इस नीलामी में दो मौजूदा ओलिम्पिक चैम्पियन हेलन मारोलिस और रोसलान रामोनोव सहित रियो ओलिम्पिक के दस पदक विजेताओं को शामिल किया गया, जबकि तीन मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियनों हाजी अलीयेव, हेलन मारोलिस और पेट्रोशिवली गेनो सहित दस विश्व चैम्पियनशिप के मौजूदा पदक विजेता विभिन्न टीमों को हिस्सा बने। इनके अलावा चार महाद्वीपीय चैम्पियन और कुल 20 से ज्यादा ओलिम्पियन पहलवानों को सभी छह टीमों में शामिल किया गया, जिसमें भारत के ओलिम्पियन गीता, विनेश, संदीप तोमर, साक्षी मलिक और सुशील शामिल हैं।लीग में पहली बार चीन, फ्रांस, हंगरी, किर्गिस्तान, मिस्र (इजिप्ट) और लातविया की टीमों के पहलवान  इस लीग का हिस्सा बनेंगे। लोकप्रिय टीवी एंकर साहिल खट्टर ने ऑक्शन को संचालित किया।
टीमें इस प्रकार होंगी
हरियाणा हैमर्स :हसन रहीमी (57 किलो), रजनीश (65 किलो), खेतिक सबालोव (74 किलो), रूबलजीत रांगी (92 किलो), सुमित (125 किलो), सुन यनान (50 किलो), हेलन मारोलिस (57 किलो), सरिता मान (62 किलो), पूजा (76 किलो)।
मुम्बई महारथी : आंद्रेई यात्सेंको (57 किलो), सोसलान रामोनोव (65 किलो), वीरदेव गुलिया (74 किलो), सत्यव्रत कादियान (92 किलो), सत्येंद्र (125 किलो), सीमी (59 किलो), ओडुनायो (57 किलो), साक्षी मलिक (62 किलो),वैस्कन सिंथिया (76 किलो)।
यूपी दंगल :राहुल आवारे (57 किलो), बजरंग पूनिया (65 किलो), अब्दुराखमुनोव बेकज़ोद (74 किलो), सोमवीर (92 किलो), कोमेल घासेमी (125 किलो), विनेश (50 किलो), आईसूलू तेनबेकोवा (57 किलो), गीता फोगट (62 किलो), जैनित नैमित (76 किलो)।
दिल्ली सुल्तांस: संदीप तोमर (57 किलो), हाजी अलीयेव (65 किलो), सुशील कुमार (74 किलो), अलवरो असलान (92 किलो), हितेंद्र (125 किलो), मारोई मिज़ेन (50 किलो), सगीता फोगट (57 किलो), मोनिया (62 किलो), समरअमेर हम्ज़ा (76 किलो)।
पंजाब रॉयल्स: उत्कर्ष काले (57 किलो), बेकबुलोतोव इलियाज़ (65 किलो), जितेंद्र (74 किलो), मौसम खत्री (92 किलो), पेट्रोशिविली गेनो (125 किलो), निर्मला देवी (50 किलो), पूजा ढांडा (57 किलो), ग्रिगॉरजेवा अनेस्तसीचा (62 किलो), कोम्बा लॉरोक (76 किलो)।
वीर मराठा: सरवन(57 किलो), अमित धनकड़ (65 किलो), प्रवीण राणा (74 किलो), जॉर्जी कितोव (92 किलो),लेवान बरियांज़े (125 किलो),रितु फोगट (50 किलो), मारवा आमरी (57 किलो), रितु मलिक (62 किलो), नताल्या वारोवीबा (76 किलो)।
25Dec-2017


रविवार, 24 दिसंबर 2017

नए साल में लागू होगा नया सड़क सुरक्षा कानून!



संसद में प्रशस्त हुआ विधेयक पारित होने का रास्ता
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में बढ़ते सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन व्यवस्था को दुरस्त करने वाले नए मोटर वाहन विधेयक के मौजूदा संसद सत्र में पारित होने की उम्मीद बढ़ गई है। संसद में अटके इस विधेयक पर राज्यसभा की प्रवर समिति की पेश हुई रिपोर्ट में की गई सिफारिशों पर केंद्र सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। 
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार संसद में अटके इस नए मोटर वाहन(संशोधन) विधेयक की जांच पड़ताल करके राज्यसभा की प्रवर समिति ने अपनी रिपोर्ट सदन में पेश कर दी है, जिसकी सिफारिशों पर मंत्रालय ने तत्काल तेजी से काम करना शुरू कर दिया है, ताकि इस विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में पारित कराया जा सके। संसद में पेश की गई रिपोर्ट के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि परिवहन व्यवस्था को दुरस्त करने खासकर सड़को पर हो रहे हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में इस सख्त कानूनी प्रावधान वाले नए कानून पर संसदीय समिति की रिपोर्ट का इंतजार था, जिसमें दिये गये महत्वपूर्ण सुझाओं और सिफारिशों को प्रावधानों में समायोजित करने पर काम शुरू कर दिया है और उम्मीद है कि इस नए मोटर वाहन विधेयक को मौजूदा सत्र में ही पारित करा लिया जाएगा। नए सड़क सुरक्षा कानून को लागू करने के लिए सड़क सुरक्षा के लिए काम करने वाली देश की विभिन्न संस्थाओं का भी लगातार सरकार पर दबाव है, जिनके मत संसदीय समिति ने भी हासिल करके रिपोर्ट में इंगित किये हैं। केंद्र सरकार के इस नए कानूनी प्रावधानों का समर्थन करते हुए सड़क सुरक्षा पर कार्य करने वाली संस्था कंज्यूमर वॉयस के सीओओ असीम सान्याल ने कहा कि सड़क हादसों और यातायात नियमों को दुरस्त करने के लिए इसे लागू करना जरूरी है।
क्या हैं समिति की सिफारिशें 
राज्यसभा की प्रवर समिति ने रिपोर्ट में सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने लिए नए कानून को लागू कराने वाले यातायात पुलिसकर्मियों तथा आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों को शरीर पर धारण किए जाने वाले वियरएबल कैमरों से लैस करने का सुझाव दिया है। समिति ने अपराधों को डिजिटल रूप में संग्रहीत तथा नियंत्रण कक्ष में निगरानी की जाने की भी सिफारिश की है। समिति का मत है कि इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और प्रवर्तन एजेंसियों की मनमानी भी रोकी जा सकेगी। हालांकि प्रवर समिति ने नए मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक की समीक्षा के बाद इस कानून को बिना किसी संशोधन के लागू करने की सिफारिश की है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि समिति की इस राय से केंद्रीय सड़क मंत्रालय को इस विधेयक को इसी सत्र में पेश करने का मौका मिलेगा और नए कानून को नए साल से लागू करना संभव हो सकेगा। समिति ने यह भी स्वीकार किया है कि इस विधेयक में राज्यों के अधिकारों का कोई हरण नहीं करता है। समिति ने वाहनों का डीलरों से पंजीकरण कराने की सिफारिश की है और आरटीओ पर वाहनों को पेश नहीं करने की सिफारिश की है।

नमामि गंगे: ‘गंगा ग्राम’ परियोजना शुरू




गंगा नदी के सभी 4470 गांवों में होगी लागू
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा नदी के सभी 4470 गांवों में स्वच्छता आधारित एकीकृत विकास को दिशा देने के लिए ‘गंगा ग्राम’ नामक परियोजना शुरू की है।
यहां नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शनिवार को पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के आयोजित बहु-हितधारक सम्मेलन में ‘गंगा ग्राम’ नामक परियोजना शुरू करते हुए केंद्रीय जल संसाधन मंत्रीर नितिन गडकरी ने गांव के सरपंचों को नदी गंगा और गंगा ग्राम स्वच्छ करने के लिए बिना शर्त समर्थन देने का आव्हान किया। उन्होंने गंगा निर्मल बनाने की दिशा में विभिन्न सरकारी प्रयासों का जिक्र करते हुए यह भी ऐलान किया कि नमामि गंगे की विभिन्न परियोजनाओं में प्रवासी भारतीय भी समर्थन करते हुए निवेश करने के लिए आगे आ गये हैं। इसलिए ‘गंगा ग्राम’ परियोजना में गंगा नदी के सभी 4470 गांवों के स्वच्छता आधारित एकीकृत विकास के लिए सरपंचों को भी अपनी भागीदारी करनी चाहिए। इस सम्मेलन में केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री सुश्री उमा भारती ने गंगा के पर्यावरण की रक्षा के लिए परियोजना में पर्याप्त सावधानी और सावधानी बरतने पर बल दिया और कहा कि सरकार की ओर से गंगा की निर्मलता और अविरला की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए परियोजनाओं का मूल्यांकन प्रक्रिकया और निगरानी प्रणाली जैसी तकनीकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा ग्राम परियोजना ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी के साथ गंगा नदी के तट पर स्थित गांवों के समग्र विकास के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण है, जिसके जनांदोलन के रूप में पूरा करने के लिए सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसके लिए पूरा खर्च केंद्र सरकार कर रही है। वहीं  केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय में सचिव यू.पी. सिंह ने भी गंगा ग्राम परियोजना में सभी को शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि इससे गंगा स्वच्छता अभियान को नई दिशा मिलेगी। इस गंगा ग्राम स्वच्छता सम्मेलन में सभी पांच गंगा राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के राज्य और जिला सरकार के अधिकारियों, एनएमसीजी सदस्यों और गंगा स्वच्छता मंच स्वयंसेवकों से 500 गांव सरपंचों सहित 1400 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
2.96 गांव खुले शौच से मुक्त
केंद्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने सम्मेलन में बताया कि गत अक्टूबर 2014 में शुरू किये गये स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक देश में 5.72 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया है, जिसमें 2.96 लाख गांवों, 262 जिलों, 6 राज्यों और 2 संघ शासित प्रदेशों को खुले शौच से मुक्त बनाया गया है। गंगा ग्राम परियोजना के लिए मंत्रालय एनएमसीजी, विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों और वितरणों के साथ निकट समन्वय में काम करता है। 
24Dec-2017


सचिन तेंदुलकर भाषण में रोड़ा बनी कांग्रेस


हंगामे के कारण स्थगित करनी पड़ी रास की कार्यवाही
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
दुनिया के महानतम क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर राज्यसभा सांसद के रूप में गुरुवार को पहली बार सदन में भाषण करने के लिए सियासी पिच पर उतरे, लेकिन कांग्रेस का हंगामा उनके भाषण का रोड़ा बना और वे अपना भाषण करने से वंचित रह गये। इस कारण सचिन सदन में ‘भारत में खेल का अधिकार और खेल-कूद का भविष्य’ पर अल्पकालिक चर्चा की शुरूआत करने के लिए खड़े ही रह गये और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई।
राज्यसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरूआती स्थगन के बाद दोपहर बाद दो बजे शुरू हुई तो संसद के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को सचिन तेंदुलकर की पहली उपस्थिति थी, जो अल्पकालिक चर्चा में अपना पहला भाषण करने आए थे। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन को इस बारे में अवगत कराते हुए कहा कि सचिन तेंडुलकर सदन में अपना पहला भाषण करेंगे और उन्होंने उनका नाम पुकारते हुए अल्पकालिक चर्चा की शुरूआत करने को कहा। तभी कांग्रेस के सदस्यों ने पीएम मोदी से माफी मांगने का मुद्दा उठाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी और सचिन करीब 10 मिनट तक अपनी सीट पर बोलने के इरादे से खड़े रहे, लेकिन हंगामा थमने का नाम ही नहीं ले रहा था। नायडू ने हंगामा करते सदस्यों को सचिन तेंदुलकर जैसी शख्सियत का भारत रत्न जैसी विशेषताओं का हवाला देते हुए नसीहत देते हुए उन्हें शांत होने की अपील भी की, लेकिन कांग्रेस सदस्यों पर इस अपील का कोई प्रभाव नहीं हुआ। सचिन तेंडुलकर अपनी पत्नी अंजलि के साथ गुरुवार को राज्यसभा पहुंचे थे। आखिर संसद में हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक स्थगित कर दी गई है।
इन मुद्दो पर था भाषण
सांसद के रूप में सचिन तेंदुलकर को अल्पकालिक चर्चा में सचिन देश में खेल और खिलाड़ियों को लेकर व्यवस्था, ओलंपिक की तैयारियों और किस तरह भारतीय खिलाड़ी दुनियाभर में अच्छा प्रदर्शन कर सकते है इस पर भाषण देना था। इसके अलावा उनके भाषण में इस बात पर भी जोर दिया जाना था कि जो खिलाड़ी देश के लिए मेडल जीतते हैं, उन्हें रिटायरमेंट के बाद काफी कम पैसा मिलता है। सचिन स्कूली शिक्षा में खेल को एक सिलेबस के तौर पर पेश किए जाने की भी बात करनी थी। संसद में पीएम मोदी से लगातार माफी की मांग कर रहे विपक्ष ने गुरुवार को भी अपना हंगामा जारी रखा। स्थिति यहां तक आ गई कि सदन में पहली बार बोलने के लिए खड़े हुए सचिन तेंडुलकर बिना बोले ही बैठ गए। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक स्थगित कर दी गई है।
जया ने की आलोचना
सदन में सचिन तेंदुलकर को बोलने से वंचित करने वाले कांग्रेस सदस्यों की आलोचना करते हुए सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि जिस कांग्रेस ने सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया और उन्हें  सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा है उसी कांग्रेस ने उन्हें सदन में बोलने से रोकने का काम किया है। भाजपा के प्रकाश जावडेकर, प्रभात झा और अन्य दलों के नेताओं ने भी इस बात पर सहमति जताई कि कांग्रेस सदस्यों को हंगामा करने से पहले सचिन को बोलने दिया जाना चाहिए था।
22Dec-2017